Maheshwar Mahadev Mandir

274C+W77, Bhinmal, Rajasthan 343029, India
About

Maheshwar Mahadev Mandir is a hindu temple located in Bhinmal, Rajasthan. The average rating of this place is 3.90 out of 5 stars based on 8 reviews. The street address of this place is 274C+W77, Bhinmal, Rajasthan 343029, India. It is about 0.54 kilometers away from the Marwar Bhinm railway station.

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FAQs
Where is Maheshwar Mahadev Mandir located?
Maheshwar Mahadev Mandir is located at 274C+W77, Bhinmal, Rajasthan 343029, India.
What is the nearest railway station from Maheshwar Mahadev Mandir?
Marwar Bhinm railway station is the nearest railway station to Maheshwar Mahadev Mandir. It is nearly 0.54 kilometers away from it.
What people say about Maheshwar Mahadev Mandir

Mukesh Kumar Suthar 69 months ago

Shiv nandir, beside the road, easy to notice from road.

devilal Mali 45 months ago

Hindu temple

Ashok Bishnoi 69 months ago

संभोग में जीवन, समाधि में मुक्ति:
संभोग ने तुम्हें जीवन दिया है!और समाधि तुम्हें मुक्ति देगा!वासना! ब्रम्हचर्य के कारण नहीं जाती है। वासना गई नहीं, और ब्रम्हचारी तुम कैसे हो गए? लेकिन लोग उल्टे कामों में लगे हैं। पहले ब्रम्हचर्य की कसमें खाते हैं फिर वासना को हटाने में लगते हैं।ऐसे नहीं होगा! ऐसा जीवन का नियम नहीं है। तुम जीवन के विपरीत चलोगे तो हारोगे, दुख पाओगे; और तुम एक मूर्छा में जाओगे।अब तुम मान रहे हो कि मैं ब्रम्हचारी हूँ। कसम खा ली है तो ब्रम्हचारी हूँ। मगर कसमों से कहीं मिटता है कुछ? कसमों से कहीं कुछ रूपांतरित होता है? अब ऊपर-ऊपर ढोंग करोगे पाखण्ड का, ब्रम्हचर्य का झंडा लिए घूमोगे, और भीतर? भीतर ठीक इससेविपरीत स्थिति होगी।कामवासना जीवन की एक अनिवार्यता है, अनुभव से जाएगी! कसमों से नहीं, ध्यान से जाएगी, व्रत नियम से नहीं! छोड़ना चाहोगे, कभी न छोड़ पाओगे, और जकड़ते चले जाओगे। इसलिए पहली तो बात, यह छोड़ने की धारणा छोड़ दो। जो ईश्वर ने दिया है, दिया है; और दिया है तो कुछ राज होगा। इतनी जल्दी न करो छोड़ने की, कहीं ऐसा न हो कि कुंजी फेंक बैठो और फिर ताला न खुले!कामवासना कोई पाप तो नहीं, अगर पाप होती तो तुम न होते! पाप होती तो ऋषि-मुनि न होते। पाप होती तो बुद्ध महावीर न होते। पाप से बुद्ध और महावीर कैसे पैदा हो सकते हैं? पाप से कृष्ण और कबीर कैसे पैदा हो सकते हैं? और जिससे कृष्ण, बुद्ध औरमहावीर, नानक और फरीद पैदा होते हों, उसे तुम पाप कहोगे? जरूर देखने में कहीं चूक है, कहीं भुल है।कामवासना तो जीवन का स्रोत है। उससे ही लड़ोगे तो आत्मघाती हो जाओगे। लड़ो मत, समझो! भागो मत, जागो! मैं नहीं कहता कि कामवासना छोड़नी है, मैं तो कहता हूँ कि समझनी है, पहचाननी है। और एक चमत्कार घटित होता है, जितना ही समझोगे उतनी ही क्षीण हो जाएगी, क्योंकि कामवासना का अंतिम काम पूरा हो जाएगा। कामवासना का अंतिम काम है तुम्हें आत्म-साक्षात्कार करवादेना।कामवासना को समझो! यह भजन गाने से नहीं जाएगी, उससे जूते पड़ जाएंगे आदमी अपने ही हाथ से पिटता है, खुद को ही पीटता है। थोडा सजग होओ, थोड़ी बुद्धिमता का उपयोग करो।कामवासना बड़ा रहस्य है जीवन का, सबसे बड़ा रहस्य। उसके पार बस एक ही रहस्य है! परमात्मा का। इसलिए मैं कहता हूँ, जीवन में दो रहस्य है। एक संभोग का और एक समाधि का !!
ओशो
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